aadharshila
Saturday, August 20, 2011
मुझे क्या लेना समन्दरों के पानी से
जब आंसूं मेरे सैलाब हो गए ,,
क्या मांगूं हिसाब उस खुदा से
जब जुर्म बेहिसाब हो गए
क्या पूछूँ सवाल मैं उनसे
जब कटघरे में सारे जवाब हो गए
और चले थे आजमाने खुद को ज़माने में
बिगड़ा नसीब ऐसा की हम खराब हो गए
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